स्वावलंबी भारत अभियान एवं स्वदेशी जागरण मंच की विभागीय बैठक तिलकगंज स्थित एक होटल में हुई। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजेश विभाग प्रचारक सागर और विभाग कार्यवाहक रामलाल पटेल थे।
बैठक में क्षेत्रीय संयोजक राघवेन्द्र सिंह चंदेल ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा कि इसकी पहल अपने परिवार, संबंधी, मुहल्ला, नगर से करें। स्थानीय स्तर पर रोजगार की तलाश कर लोगों को व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करें। प्रदेश संगठन मंत्री केशव दुबौलिया ने कहा कि नगर स्तर पर रोजगार सृजन केंद्रों की स्थापना एवं नौकरी को ही रोजगार न मानें बल्कि स्वरोजगार, कौशल विकास, स्थानीय उद्योग स्थापित कर, नौकरी करने वाला न बनकर नौकरी देने वाले बने। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा संचालित होने वाली बेवसाइट, स्वदेशी जागरण मंच मध्यप्रदेश का उपयोग कर स्वरोजगार के क्षेत्र में जानकारी प्राप्त कर लाभान्वित हो सकते हैं। मंच के प्रांत समन्वयक आलोक सिंह ने बताया कि छोटे-छोटे स्तर पर कम लागत में भी व्यवसाय कर बड़े लक्ष्घ्य को हासिल किया जा सकता है। विट्टू टिक्की वाला, लिज्जत पापड़, इंडियन काफी हाऊस इसके जीते-जागते उदाहरण हैं।
प्रांत सह समन्वयक दीप्ति प्यासी ने स्वदेशी उत्पादन, उद्योग एवं कौशल विकास केंद्र की स्थापना, सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार देने वालों का सम्मान करना आदि विषयों पर जोर दिया। प्रांत सह समन्वयक कपिल मलैया ने कहा कि भारत कृषि आधारित उद्योग प्रदान देश है। आज से दस हजार वर्ष पूर्व भारत की हिस्सेदारी विश्व व्यापार में 32 प्रतिशत थी। अंग्रेजों ने हमें सुनियोजित तरीके से लूटा। सन् 2020 में विश्व व्यापार में हमारी भागीदारी मात्र 4.5 प्रतिशत रह गई। केवल नौकरी को ही रोजगार मानने की गलत परिभाषा हमारे समक्ष पेश की गई जबकि आज भी 75 प्रतिशत भारतीय स्वरोजगार पर निर्भर होकर अपना जीवन यापन बेहतर तरीके से कर रहे हैं। भारत विश्व में सबसे अधिक युवा जनसंख्या वाला देश है। युवा हमारी ताकत हैं। कार्यक्रम में स्वावलंबी भारत अभियान एवं स्वदेशी जागरण मंच के सागर विभाग के सभी सदस्य उपस्थित हुए। सागर से जिला संयोजक राजकुमार नामदेव ने प्रदेश से पधारे अतिथियों का परिचय कराया। सह संयोजक श्रीमति अंजली दुबे ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर बृजेश शर्मा बीना, सुनील सागर, प्रवीण श्रीवास्तव रहली, निशांत पांडे रहली, राजेन्द्र खटीक, सुभाष जैन, प्रताप पटेल दमोह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।