स्वदेशी जागरण मंच व स्वावलंबी भारत अभियान की ओर से गोपाल विद्या मंदिर में प्रांत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें स्वदेशी मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल ने कहा कि बेरोजगारी को मिटाने के लिए युवा स्वदेशी की ओर बढ़ें और अपना उत्पाद तैयार करें। इस प्रांत सम्मेलन और स्वदेशी मेला आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार की ओर ले जाना है। युवा नौकरियों के पीछे नहीं भागें। स्वरोजगार अपना कर नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बने।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के अनुसार तीन प्रकार के शरीर में दोष पाए जाते हैं। जिसमें, वात, पित्त और कफ शामिल हैं। प्राचीन काल में वैद्य मरीज की प्रकृति के अनुसार ही लोगों की बीमारियों का पता लगते थे और उनका इलाज करते थे। वहीं सह संगठक सतीश कुमार ने स्वदेशी उत्पाद तैयार करके व्यापार करने का संदेश दिया।
डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिढा ने कहा कि भारत सरकार युवाओं को रोजगार देने का अथक प्रयास कर रही है। युवा स्वदेशी अपनाएं और भारत को विकसित बनाएं। वहीं उत्तर क्षेत्र संयोजक डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने अच्छी शिक्षा और उत्पाद की गुणवत्ता का अध्ययन करने का संदेश दिया।