स्वदेशी जागरण मंच ने एमवे इंडिया कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय - ईडी द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बहु-स्तरीय विपणन घोटाला करने की आरोपी एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करना स्वागत योग्य कदम है।
स्वदेशी जागरण मंच ने ईडी के इस कदम का स्वागत करते हुए, देश की केंद्रीय जांच एजेंसियों से ऐसी सभी संस्थाओं या कंपनियों के खिलाफ जांच करने की मांग की है जो निर्दोष लोगों को ज्यादा आय का लालच देकर लूटने का काम कर रही है। मंच ने इस तरह के मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्वाई करने की भी मांग की है।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्विनी महाजन ने बयान जारी कर कहा है कि इस तरह के मल्टी-लेवल मार्केटिंग की धोखाधड़ी प्रथाओं को मजबूती के साथ रोकने के लिए इस तरह के एमएलएम कंपनियों के लिए नियामक ढांचा बनाने की जरूरत है।
महाजन ने कहा कि सच तो यह है कि भारत में और भी कई मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियां काम कर रही हैं। ये मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियां बेगुनाह नागरिकों को अच्छी-खासी कमाई का लालच देकर लूट रही हैं। फिर एक सिलसिला शुरू होता है, जब इन कंपनियों के जाल में फंसने वाले अपने दोस्तों और परिचितों को लुभाने लगते हैं। ईडी की रिपोर्ट ने ठीक ही बताया है कि फर्म का ध्यान लोगों को अमीर बनने वाली योजनाओं के लिए साइन अप करने पर है, न कि उत्पाद बेचने पर।
महाजन ने आगे कहा कि स्वदेशी जागरण मंच डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड धोखाधड़ी वाली योजनायें चलाने वाली एमवे इंडिया कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय, वित्त मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करता है। उन्होने फेडरल ट्रेड कमिशन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट जिसमें 350 एमएलएम कंपनियों के बिजनेस मॉडल का अध्ययन किया गया था, का हवाला देते हुए कहा कि एमएलएम बिजनेस में शामिल होने वाले 99 प्रतिशत लोग पैसे खो देते हैं। यह पिरामिड विक्रेताओं के शीर्ष के लिए तो एक शानदार व्यवसाय मॉडल हो सकता है, लेकिन भोले-भाले लोगों के लिए यह आय के अवसर के बजाय एक निश्चित नुकसान का कारण बन रहा है।